नो दिनों तक नवरुपों का आरती थाल हैं सजाते माँ की ममता, दया, त्याग व बलिदान याद हैं आते नो दिनों तक नवरुपों का आरती थाल हैं सजाते माँ की ममता, दया, त्याग व बलिदान या...
मैं नीर भरी अबला नारी, दुनिया ने मुझको तोड़ा था। मैं नीर भरी अबला नारी, दुनिया ने मुझको तोड़ा था।
बनी रहे नर के मन में नारियों के लिए श्रद्धाभक्ति ! बनी रहे नर के मन में नारियों के लिए श्रद्धाभक्ति !
मर्यादा पुरुषोत्तम थे रघुवर, पर नारी को अग्नि कसौटी तोला! मर्यादा पुरुषोत्तम थे रघुवर, पर नारी को अग्नि कसौटी तोला!
नारी के सम्मान की कविता। नारी के सम्मान की कविता।
सोचो कैसे करते किसी एक को चूज ! सोचो कैसे करते किसी एक को चूज !